बीमारी के चलते युवक की मौत हो गई. इसके बाद जब अर्थी उठाने की बात सामने आई तो हर कोई एक-दूसरे का मुंह देख रहा था. युवक के कोई पुत्र नहीं था. सब यही सोच रहे थे कि अर्थी को कंधा कौन देगा.
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